‘एशियाई विकास बैंक’ व ‘एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक’

‘एशियाई विकास बैंक’ व ‘एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक’

 

  • भारत सरकार ने ‘एशियाई विकास बैंक’ (Asian Development Bank- ADB) और ‘एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक’(Asian Infrastructure Investment Bank – AIIB) से कोविड-19 टीकों की 667 मिलियन खुराकों की खरीद के लिए ऋण हेतु आवेदन किया है।
  • मनीला स्थित ‘एशियाई विकास बैंक’ और बीजिंग स्थित ‘एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक’ द्वारा ऋण देने पर विचार किया जा रहा है। विदित हो कि, ‘एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक’ में चीन और भारत सबसे बड़े शेयरधारक हैं।

 पृष्ठभूमि:

  • भारत सरकार द्वारा कोविड-19 के लिए वैक्सीन की खरीद एक प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के माध्यम से की जाएगी, और इस खरीद-प्रक्रिया का प्रबंधन और कार्यान्वयन ‘एशियाई विकास बैंक’ द्वारा, एडीबी की एपीवीएक्स (APVAX) अथवा एशिया-प्रशांत वैक्सीन एक्सेस सुविधा (Asia-Pacific Vaccine Access Facility) प्रणाली के तहत किया जाएगा।

 एशियाई विकास बैंक’ के बारे में:

  • यह एक क्षेत्रीय विकास बैंक है।
  • 19 दिसंबर 1966 को स्थापित किया गया।
  • मुख्यालय– मनीला, फिलीपींस।
  • इसे संयुक्त राष्ट्र प्रेक्षक का आधिकारिक दर्जा प्राप्त है।

 एशियाई विकास बैंक की सदस्यता:

  • एशियाई विकास बैंक में, एशिया एवं प्रशांत के लिये आर्थिक तथा सामाजिक आयोग (United Nations Economic and Social Commission for Asia and the Pacific – UNESCAP)के सदस्य, तथा गैर-क्षेत्रीय विकसित देशों को सदस्य के तौर पर सम्मिलित होते है। UNESCAP को पहले ‘एशिया एवं सुदूर-पूर्व के लिए आर्थिक आयोग’ (Economic Commission for Asia and the Far East ECAFE)  कहा जाता था।
  • वर्तमान में ADB में 68 सदस्य हैं, जिनमें से 49 एशिया-प्रशांत क्षेत्र के हैं।

 एशियाई विकास बैंक में मताधिकार (Voting rights):

  • एशियाई विकास बैंक को विश्व बैंक की तर्ज पर स्थापित किया गया है। इसमें विश्व बैंक के समान ही भारित मतदान प्रणाली होती है, जिसमे किसी सदस्य राष्ट्र के मताधिकार का निर्धारण बैंक की अधिकृत पूंजी में उस राष्ट्र के अंश के आधार पर किया जाता है।
  • 31 दिसंबर 2019 तक, ADB के पांच सबसे बड़े शेयरधारक, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका (दोनों देशों में प्रत्येक के पास कुल शेयरों का 6%), पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (6.4%), भारत (6.3%), और ऑस्ट्रेलिया (5.8%) हैं।

 भूमिकाएँ एवं कार्य:

  • एशियाई विकास बैंक, एशिया और प्रशांत क्षेत्र में समावेशी आर्थिक विकास, पर्यावरणीय रूप से संवहनीय विकास और क्षेत्रीय एकीकरण के माध्यम से गरीबी को कम करने के लिए समर्पित है।
  • इन कार्यों को, ऋण, अनुदान और सूचना की साझेदारी- बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं, वित्तीय और सार्वजनिक प्रशासन प्रणालियों, राष्ट्रों को जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के लिए तैयार करने में सहयोग तथा प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर प्रबंधन आदि क्षेत्रों में निवेश, के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है।

 एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (AIIB)

  • एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (AIIB) एक बहुपक्षीय विकास बैंक है जिसका उद्देश्य  एशिया में सामाजिक-आर्थिक परिणामों को बेहतर बनाना है।
  • इसकी स्थापना AIIB  आर्टिकल्स ऑफ एग्रीमेंट (25 दिसंबर, 2015 से लागू) नामक एक बहुपक्षीय समझौते के माध्यम से की गई है। समझौते के पक्षकारों (57 संस्थापक सदस्य) में बैंक की सदस्यता अनिवार्य है।
  • इसका मुख्यालय बीजिंग में है और जनवरी 2016 में इसका परिचालन शुरू हुआ।
  • वैश्विक स्तर पर अब तक बैंक के 97 सदस्यों को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी हैं तथा 27 संभावित सदस्यों में आर्मेनिया, लेबनान, ब्राज़ील, दक्षिण अफ्रीका, ग्रीस आदि शामिल हैं।
  • फ्राँस, जर्मनी, इटली और यूनाइटेड किंगडम सहित G-20 के 14 सदस्य AIIB के भी सदस्य हैं।
  • एशिया में स्थायी बुनियादी ढाँचे और अन्य संबंधित क्षेत्रों में निवेश कर एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक (AIIB) आम लोगों, सेवाओं और बाज़ारों को बेहतर ढंग से जोड़ने का प्रयास करता है, जो समय के साथ अरबों लोगों के जीवन को प्रभावित करेगा और एक बेहतर भविष्य का निर्माण करेगा।

लक्ष्य

  • अवसंरचना एवं अन्य उत्पादक क्षेत्रों में निवेश कर सतत् आर्थिक विकास को बढ़ावा देना, संपत्ति अथवा धन का सृजन करना तथा एशिया में आधारिक संरचनाओं की कनेक्टिविटी/संयोजकता में सुधार करना।
  • अन्य बहुपक्षीय और द्विपक्षीय विकास संस्थानों के साथ मिलकर काम करके विकास की चुनौतियों के समाधान में क्षेत्रीय सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा देना ।
  • विकास उद्देश्यों के लिये सार्वजनिक और निजी पूंजी निवेश को बढ़ावा देना, इसके तहत बुनियादी ढाँचे और अन्य उत्पादक क्षेत्रों के विकास पर विशेष रूप से ध्यान देना।
  • क्षेत्र में इस तरह के विकास के वित्तपोषण के लिये अपने संभव संसाधनों का उपयोग करने हेतु उन परियोजनाओं और कार्यक्रमों को शामिल करना जो क्षेत्र में सामंजस्यपूर्ण आर्थिक संवृद्धि में सबसे प्रभावी रूप से योगदान करेंगे|
  • इस क्षेत्र में आर्थिक विकास में योगदान देने वाली परियोजनाओं, उद्यमों और गतिविधियों में निजी निवेश को बढ़ावा देना, जब निजी पूंजी उचित नियमों और शर्तों पर उपलब्ध नहीं हो।
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