अंतर्राष्ट्रीय ई-कचरा दिवस:14 October

अंतर्राष्ट्रीय ई-कचरा दिवस:14 October

 

  • 14 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय ई-कचरा दिवस मनाया जाता है। Waste Electrical and Electronic Forum (WEEF) द्वारा 2018 से यह दिवस मनाया जा रहा है।

 मुख्य बिंदु 

  • संयुक्तराष्ट्र के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में उत्पन्न ई-कचरे की मात्रा में 21% की वृद्धि हुई है। 
  • संयुक्त राष्ट्रभी कहता है कि ई-कचरे के 6 मिलियन टन दुनिया भर में व्यापक उत्पन्न कर रहे हैं। इसमें से केवल 17.4% का ही संग्रहण और पुनर्चक्रण किया जाता है। यह भी अनुमान है कि 2030 तक 74 मिलियन टन ई-कचरा उत्पन्न होगा।
  • प्रौद्योगिकी में तेजी से प्रगति, शहरीकरण प्रक्रिया और आर्थिक विकास ई-कचरे में तेजी से वृद्धि के प्रमुख कारण हैं।

महत्व

  • यह दिन रीसाइक्लिंग और ई-कचरे को कम करने के महत्व पर बल देता है।
  • इस दिन को मनाना और ई-कचरे के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाना महत्वपूर्ण है क्योंकि केवल 78 देशों में ही ई-कचरा प्रबंधन अच्छा है।विश्व की केवल 71% जनसंख्या ई-कचरा कानून के अंतर्गत आती है।

भारत

  • भारत ने 2019 में 2 मिलियन टन ई-कचरा उत्पन्न किया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 312 ई-कचरा पुनर्चक्रणकर्ताओं पंजीकृत किया है।
  • 2016 में, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने ई-अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 को अधिसूचित किया। यह विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व को लागू करता है।
  • चीन के साथ भारत में उत्पन्न ई-कचरा का 38% हिस्सा है।पिछले तीन वर्षों में भारत में उत्पन्न होने वाले ई-कचरे में 43% की वृद्धि हुई है।

WEEE फोरम 

  • इसकी स्थापना 2002 में 6 देशों जैसे ऑस्ट्रिया, नीदरलैंड, बेल्जियम, नॉर्वे, स्विट्जरलैंड और स्वीडन के संगठनों द्वारा की गई थी।

इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के खतरे

  • इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में कैडमियम, लेड और बेरिलियम जैसे खतरनाक धातु संदूषक होते हैं। प्लास्टिक ई-कचरे का 30% हिस्सा है। लेड सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में सबसे हानिकारक तत्व है।
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