27 Oct 2021 राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency – NIA)
- राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण जिसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के नाम से भी जानते हैं , ने इस्लामिक स्टेट आतंकी संगठन के दो आतंकवादियों को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया है।
- आईएसआईएस के लिए काम कर रहे इन आतंकवादियों द्वारा बेंगलुरु से युवा मुस्लिमों को सीरिया में इस्लामिक स्टेट से जुड़ने के लिए भेजने का प्लान बनाया जा रहा था।
- प्रतिबंधित संगठन आईएसआईएस से संबंध रखने के मामले में इन आतंकियों पर गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
- इसके अलावा राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण ने हाल ही में यह भी बताया है कि अफगानिस्तान में सक्रिय इस्लामिक स्टेट-खुरासान (आइएस-के) के आतंकी भारत में पश्चिम बंगाल , मध्य प्रदेश , महाराष्ट्र और गुजरात के जंगलों में ट्रेनिंग कैंप बनाना चाहते हैं।
- अल हिंद नाम से भारत में सक्रिय आइएस के गिरफ्तार आतंकियों के अनुसार बंगाल के वर्धमान, गुजरात के जामबुसर और महाराष्ट्र के रत्नागिरी के जंगलों को इसके लिए चुना गया था।
- एन आई ए भारत में आतंकवाद से निपटने के लिए इस समय काफी सक्रियता से काम कर रही है । अभी कुछ ही समय पहले एनआईए ने प्रतिबंधित इस्लामी समूह हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) के एक सदस्य के खिलाफ अपने फेसबुक अकाउंट पर कथित तौर पर भड़काऊ पोस्ट अपलोड करने और इस्लामिक स्टेट आतंकवादी संगठन की विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए आरोपपत्र दाखिल किया है।
- एन आई ए ने अगस्त , 2021 में इस्लामिक स्टेट आतंकी संगठन आईएसआईएस से संबंध रखने वाली दो महिलाओं को भी गिरफ्तार किया था।
- इन दोनों महिलाओं पर आरोप था कि वे सोशल मीडिया मंचों पर ‘आईएसआईएस’ की हिंसक जिहादी विचारधारा को फैलाने और नए सदस्यों को इसमें शामिल करने का काम कर रही थी। ये दोनों केरल के कन्नूर जिले से थी।
- भारत में आईएसआईएस की उपस्थिति के साक्ष्य समय समय पर गृह मंत्रालय और एनआईए ने दिए हैं।
- हाल ही में भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि दक्षिणी भारतीय राज्यों सहित विभिन्न राज्यों के कुछ लोगों के इस्लामिक स्टेट में शामिल होने की बात केंद्रीय और राज्य सुरक्षा एजेंसियों के सामने आई है। इसको लेकर नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी ने 17 मामले दर्ज किए हैं।
- गृह मंत्रालय ने भी कहा है कि एनआईए ने तेलंगाना, केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में आईएस की उपस्थिति से संबंधित 17 मामले दर्ज किए हैं और 122 आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है।
- एनआईए की जांच में पता चला है कि इस्लामिक स्टेट (आईएस) केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, बिहार, यूपी, मध्य प्रदेश, और जम्मू-कश्मीर में सबसे अधिक सक्रिय है।
- भारत के गृह मंत्रालय ने भारतीय राज्यों में आईएसआईएस की उपस्थिति और सक्रियता होने की सार्वजनिक तौर पर पुष्टि सितंबर , 2020 में की थी।
- भारत में युवाओं में कट्टरपंथ के प्रसार का साक्ष्य संयुक्त राष्ट्र के इस्लामिक स्टेट , अल कायदा और अन्य संबंधित व्यक्तियों और इकाइयों से संबंधित एनालिटिकल सपोर्ट एंड सैंक्शंस मॉनिटरिंग टीम पर 26 वीं रिपोर्ट में दिया गया है।
- इस रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएस और अल कायदा के कई सदस्य कर्नाटक और केरल में हैं। ऐसी भी आशंका रिपोर्ट में व्यक्त की गई है कि आईएसआईएल से संबद्ध भारतीय शाखा हिन्द विलायाह में लगभग 200 सदस्य हैं जो इस्लामिक चरमपंथी मानसिकता के शिकार हैं।
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण:
- इसका वास्तविक नाम राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण है, जिसे आमतौर पर राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (National Investigation Agency- NIA) के नाम से जाना जाता है। इसका गठनराष्ट्रीय जाँच एजेंसी अधिनियम, 2008 के तहत किया गया था।
यह निम्नलिखित मामलों में अपराधों की जाँच और अभियोग चलाने की केंद्रीय एजेंसी है:
- भारत की संप्रभुता, सुरक्षा एवं अखंडता, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध को प्रभावित करने वाले अपराध।
- परमाणु और परमाणु प्रतिष्ठानों के विरुद्ध अपराध।
- उच्च गुणवत्तायुक्त नकली भारतीय मुद्रा की तस्करी।
- यह अंतर्राष्ट्रीय संधियों, समझौतों, अभिसमयों (Conventions) और संयुक्त राष्ट्र, इसकी एजेंसियों तथा अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रस्तावों का कार्यान्वयन करती है।
- इसका उद्देश्य भारत में आतंकवाद का मुकाबला करना भी है।
- यह केंद्रीय आतंकवाद विरोधी कानून प्रवर्तन एजेंसी के रूप में कार्य करती है।
- इसकामुख्यालय नई दिल्ली में तथा शाखाएँ हैदराबाद, गुवाहाटी, कोच्चि, लखनऊ, मुंबई, कोलकाता, रायपुर और जम्मू में हैं।
क्यों हुआ NIA का गठन
- प्रायः ऐसा देखा गया है कि आतंकवादी घटनाओं के तार जटिल अंतर-राज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय संपर्कों से जुड़े होते हैं तथा उनका संगठित अपराधों, जैसे- हथियार एवं मादक पदार्थों की तस्करी, नकली नोटों का प्रसार आदि से भी संबंध हो सकता है।
- वर्ष 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के बाद आतंकवाद एवं कुछ अन्य आपराधिक कृत्यों की जाँच के लिये एक केंद्रीय एजेंसी की आवश्यकता को महसूस करते हुए NIA का गठन किया गया।
No Comments