उष्ण चक्रवात

उष्ण चक्रवात

 

  • हाल ही में ताउते चक्रवात के कारण केरल, कर्नाटक, गोवा आदि राज्यों के तटीय क्षेत्रों को काफी भारी नुकसान हुआ है।

उष्ण चक्रवातः

  • उष्ण चक्रवातों की उत्पत्ति दोनों गोलार्द्धो में 50 से 30 अक्षांशों के बीच होती है। 80 से 240 अक्षांश के बीच इनकी संख्या अधिक है।

उष्ण चक्रवातों की उत्पत्ति के लिए निम्नलिखित दशाएं आवश्यक है।

  • उच्च तापमान
  • उच्च आर्द्रता
  • कोरियोलिस बल

 

  • उष्ण चक्रवात की ऊर्जा का स्रोत गुप्त ऊष्मा होती है। संघनन की गुप्त ऊष्मा चक्रवात की स्रोत होती है यही कारण है इन चक्रवातों की उत्पत्ति केवल सागरों पर होती है।
  • उच्च तापमान के बावजूद ये चक्रवात महाद्वीपों पर उत्पन्न नहीं होते है क्योंकि महाद्वीपों पर आर्द्रता का अभाव रहता है पश्चिमी तटों के निकट ठण्डी जलधाराओं की उपस्थिति के कारण चक्रवातों की उत्पत्ति नहीं होती है उच्च तापमान व उच्च आर्द्रता के बावजूद ये चक्रवात विषुवत रेखीय क्षेत्र में उत्पन्न नहीं होते है क्योंकि इस क्षेत्र) में कोरियोलिस बल का अभाव होती है।
  • इनकी उत्पत्ति ITCZ (उष्ण अभिसरण क्षेत्र में होता है। जब ITCZ 50N के उत्तर या 50 S के दक्षिण में स्थानांतरित हो जाती है।

दक्षिणी गोलार्द्ध की तुलना में उत्तरी गोलार्द्ध में उष्ण चक्रवात अधिक संख्या में उत्पन्न होते है जिसके निम्नलिखित कारण है –

  • उत्तरी गोलार्द्ध में स्थल व जल का वितरण काफी विषम है।
  • उत्तरी गोलार्द्ध में सीमांत सागरों की संख्या अधिक है।
  • उत्तरी गोलार्द्ध में समुद्री सतह का तापमान दक्षिणी गोलार्द्ध की तुलना अधिक होता है।
  • अधिकांशतः ITCZ उत्तरी गोलार्द्ध में पाया जाता है।

दक्षिणी अटलांटिक में उष्ण चक्रवात की उत्पत्ति नहीं होती है जिसके निम्नलिखित कारण है-

  • ITCZ का दक्षिणी अटलांटिक में अभाव।
  • समुद्री तापमान का कम होना।
  • दक्षिणी प्रशांत में इनकी उत्पत्ति अल नीनो जलधारा के द्वारा पेरू जलधारा का प्रतिस्थापन के पश्चात् होता है।
  • बंगाल की खाड़ी में अरब सागर की तुलना में चक्रवात की उत्पत्ति अधिक होती है। अरब सागर की तुलना में बंगाल की खाड़ी में इनकी संख्या चार गुनी होती है।

जिसके निम्न कारण है –

  • बंगाल की खाड़ी अधिक घिरी हुई है।
  • बंगाल की खाड़ी की सतह का तापमान अधिक होता है।
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