प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि योजना (PMBJP)

प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि योजना (PMBJP)

 

  • ‘प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना’ (PM Bhartiya Janaushadhi Pariyojana – PMBJP) ने वित्तीय वर्ष- 2021-22 में 8,300 केंद्र खोलने का लक्ष्य केवल 6 महीनों में हासिल कर लिया है।

पृष्ठभूमि:

  • आम आदमी विशेषकर गरीबों को सस्ती दर पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने की दृष्टि से, सरकार ने मार्च 2024 तक प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों की संख्या को 10,000 तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
  • 05 अक्टूबर, 2021 तक इन दुकानों की संख्या बढ़कर 8355 हो गई है। ये केंद्र देश के कोने-कोने में लोगों को सस्ती दवा की आसान पहुंच सुनिश्चित करेंगे।

योजना का प्रदर्शन:

  • प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के तहत देश के सभी जिलों को कवर किया गया है।
  • सभी केंद्रों पर दवाओं का रियल टाइम वितरण सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी आईटी तकनीक से लैस लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन शुरू की गई है।
  • PMBJP के उत्पाद समूह में वर्तमान में 1,451 दवाएं और 240 सर्जिकल उपकरण शामिल हैं।

PMBJP के बारे में:

  • यह रसायन और उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्युटिकल्स विभाग द्वारा चलाया गया एक अभियान है।
  • इस अभियान के तहत विशेष केंद्रों के माध्यम से आम लोगों को सस्ती कीमत पर गुणवत्ता वाली दवाएं उपलब्ध कराई जाती है।
  • इन विशेष केंद्रों को प्रधान मंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र के रूप में जाना जाता है।
  • इस कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 2008 में की गयी थी, तथा वर्ष 2015 में इस योजना को फिर से नए रूप में किया शुरू गया।
  • इस योजना का कार्यान्वयन ‘फार्मास्युटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेस ब्यूरो ऑफ़ इंडिया’ (PMBI) के द्वारा किया जाता है।

योजना की प्रमुख विशेषताएं:

  • गुणवत्ता युक्त दवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना।
  • दवाओं पर होने वाले व्यय को कम करने हेतु गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाओं का कवरेज बढ़ाना, जिससे प्रति व्यक्ति उपचार की लागत को फिर से परिभाषित किया जा सके।
  • शिक्षा और प्रचार के माध्यम से जेनेरिक दवाओं के बारे में जागरूकता पैदा करना, ताकि गुणवत्ता को केवल उच्च कीमत से न आँका जाए।
  • एक सार्वजनिक कार्यक्रम, जिसमें सरकारी, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, निजी क्षेत्र, गैर सरकारी संगठन, सोसायटी, सहकारी निकाय और अन्य संस्थान शामिल हैं।
  • सभी चिकित्सीय श्रेणियों में, जहां भी आवश्यक हो, कम उपचार लागत और आसान उपलब्धता के माध्यम से बेहतर स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच में सुधार करके जेनेरिक दवाओं की मांग पैदा करना।

विश्व स्वास्थ्य संगठन उचित विनिर्माण पद्धतियां (WHO-GMP):

  • ‘प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना’ के तहत, उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए दवाएं ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन – उचित विनिर्माण पद्धतियां’ (World Health Organization – Good Manufacturing Practices: WHO-GMP) प्रमाणित आपूर्तिकर्ताओं से खरीदी जाती हैं।
  • ‘उचित विनिर्माण पद्धतियां’ (GMP), गुणवत्ता आश्वासन के संबंध में यह सुनिश्चित करता है कि औषधीय उत्पादों को, उत्पाद विनिर्देशों के अनुसार आवश्यक, उनके इच्छित उपयोग के लिए उपयुक्त गुणवत्ता मानकों के लिए लगातार उत्पादित और नियंत्रित किया गया है।
  • GMP के कानूनी घटक में दवाओं के वितरण, अनुबंध निर्माण और परीक्षण, और उत्पाद दोषों और शिकायतों के जवाबों के प्रति उत्तरदायित्व भी शामिल है।
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