08 Oct 2021 भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद – आई.सी.सी.आर. (Indian Council for Cultural Relations – ICCR)
चर्चा में क्यों?
- आई.सी.सी.आर द्वारा छात्रवृत्ति बंद किये जाने के बाद अफगानिस्तान के छात्रों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है|
- अभी तक आई.सी.सी.आर द्वारा प्रति माह 25000 रूपये तथा घर के लिए 6500 रूपये का भत्ता अलग से दिया जाता था|
पृष्ठभूमि
- अफगानिस्तान में तालिबान शासन आने के बाद अफगानिस्तान के छात्र वतन वापसी नहीं करना चाहते|
- जिन छात्रों का कोर्स पूरा हो गया है, उनको मिलने वाली छात्रवृत्ति बंद हो गई है|ऐसे छात्र भी भारत में ही रुकना चाहते हैं लेकिन उनका छात्र वीज़ा उन्हें भारत में काम करने की अनुमति नहीं देता है|ऐसे में इन छात्रों के समक्ष जीविकोपार्जन का संकट उत्पन्न हो गया है|
- छात्रों की मांग है या तो उनको डाक्टरेट करने के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की जाए या उनको नौकरी करने की अनुमति प्रदान की जाए|
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आई.सी.सी.आर)
- भारत के प्रथम शिक्षामंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद द्वारा 9 अप्रैल 1950 को भारतीय संस्कृति संबंध परिषद की स्थापना की गयी|
- जो एक स्वायत्त संगठन है|इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है|
प्रमुख उद्देश्य (कार्य)
- भारत के अन्य देशों के साथ सांस्कृतिक संबंधों से संबंधित नीतियों एवं कार्यक्रमों के निर्माण तथा कार्यान्वयन में सक्रिय रूप से भाग लेना|
- विभिन्न देशों के नागरिकों एवं भारतीय नागरिकों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना|
महत्व
- आई.सी.सी.आर सांस्कृतिक कूटनीति के माध्यम से सॉफ्ट पॉवर में वृद्धि कर भारत की विदेशी नीति को सुदृढ़ आधार प्रदान करती है|
- नागरिक के नागरिक से बने सांस्कृतिक संबंध कूटनीतिक-राजनीतिक संबंधों की तुलना में स्थायी एवं दीर्घकालिक हितों की पूर्ति में सहायक सिद्ध होते हैं|
- विदेशी छात्रों द्वारा उच्च शिक्षा के मामले में भारत को प्राथमिकता दिए जाने से भारत का आर्थिक लाभ होगा|
- उच्च शिक्षा में विदेशी निवेश में वृद्धि होगी जो मानव संसाधन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है|
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