स्वच्छ सर्वेक्षण 2021

स्वच्छ सर्वेक्षण 2021

  • केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) द्वारा ‘स्वच्छ भारत मिशन- शहरी’ ((SBM-U) द्वारा कराया जाने वाले विश्व के सबसे बड़े शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण, स्वच्छ सर्वेक्षण (Swachh Survekshan) के सातवें संस्करण का शुभारंभ किया गया है।

सातवें संस्करण के प्रमुख बिंदु:

  • ‘पहले जनता’ के मुख्य ‘दर्शन’ (Philosophy) के साथ तैयार किए गए स्वच्छ सर्वेक्षण, 2022 में शहरों में अग्रणी स्वच्छता कर्मचारियों के समग्र कल्याण और स्वास्थ्य पर केंद्रित पहलों को शामिल किया गया है।
  • आजादी@75 की विषयवस्तु से जुड़े इस सर्वेक्षण में वरिष्ठ नागरिकों और युवाओं की बात को भी प्राथमिकता दी जाएगी और शहरी भारत की स्वच्छता को बनाए रखने की दिशा में उनकी भागीदारी को मजबूत बनाया जाएगा।
  • स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में वैज्ञानिक संकेतकों को शामिल किया गया है, जो शहरी भारत के स्वच्छता के सफर में इन अग्रणी सैनिकों के लिए काम की स्थितियों और आजीविका के अवसरों में सुधार के लिए शहरों को प्रेरित करते हैं।
  • यह सर्वेक्षण, शहरी भारत के स्मारकों और विरासत स्थलों को साफ करने के लिए नागरिकों को जिम्मेदारी लेने और पहल करने के लिए प्रेरित करके भारत की प्राचीन विरासत और संस्कृति की रक्षा करने के लिए तैयार है।
  • इस वर्ष का सर्वेक्षण 15 हजार से कम और 15-25 हजार के बीच की जनसंख्या वाली दो श्रेणियों की शुरुआत के द्वारा छोटे शहरों को समान अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध है।
  • सर्वेक्षण के दायरे को बढ़ाने के लिए, पहली बार जिला रैकिंग शुरू कर दी गई है।
  • सर्वेक्षण का विस्तार करते हुए अब इसमें नमूने के लिए 100 प्रतिशत वार्डों को शामिल कर लिया गया है, पिछले वर्षों में यह आंकड़ा 40 प्रतिशत था।

स्वच्छ सर्वेक्षण क्या है?

  • स्वच्छ सर्वेक्षण का आरंभ प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा जनवरी 2016 में किया गया था।
  • स्वच्छ सर्वेक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान के प्रदर्शन की निगरानी करना है।
  • इसका लक्ष्य भारत का सर्वाधिक स्वच्छ शहर बनने की दिशा में शहरों के मध्य स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना उत्पन्न करना है।

स्वच्छ सर्वेक्षण किसके द्वारा किया जाता है?

  • भारतीय गुणवत्ता परिषद् (Quality Council of India- QCI) को सर्वेक्षण में भाग लेने वाले शहरों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने का दायित्व दिया गया है।
  • यह एक स्वायत्त प्रमाणन संस्था है जिसे भारत सरकार द्वारा वर्ष 1997 में प्रशासन सहित सभी क्षेत्रों में गुणवत्ता आश्वासन प्रदान करने हेतु स्थापित किया गया था।
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