आपदा मित्र योजना

आपदा मित्र योजना

  • देश के 30 ज़िलों में ‘आपदा मित्र’ योजना के प्रायोगिक स्तर पर सफल रहने के बाद सरकार देश भर के 350 ज़िलों में ‘आपदा मित्र’ (आपदा में मित्र) योजना को शुरू करने की योजना बना रही है।
  • इसके साथ ही कॉमन अलर्टिंग प्रोटोकॉल (Common Alerting Protocol- CAP) हेतु भी दस्तावेज़ जारी किये गए हैं।
  • CAP सभी प्रकार के नेटवर्क पर आधारित आपातकालीन अलर्ट और सार्वजनिक चेतावनियों के आदान-प्रदान हेतु एक सरल लेकिन सामान्य प्रारूप है।

योजना के बारे में:

  • यह एक केंद्रीय क्षेत्रक योजना है जिसे मई 2016 में शुरू किया गया था। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण योजना की कार्यान्वयन एजेंसी है।
  • यह आपदा-प्रवण क्षेत्रों में उपयुक्त व्यक्तियों की पहचान करने की एक योजना है, जिसमें आपदाओं के समय प्रथम आपदा मित्र अर्थात् बचाव कार्यों के लिये प्रशिक्षित किया जा सकता है।

 लक्ष्य:

  • योजना के तहत समुदाय के स्वयंसेवकों को आपदा के बाद अपने समुदाय की तत्काल ज़रूरतों को ध्यान के रखते हुए आवश्यक कौशल प्रदान करना जिससे वे अचानक बाढ़ और शहरी क्षेत्रों में उत्पन्न बाढ़ जैसी आपातकालीन स्थितियों के दौरान बुनियादी राहत और बचाव कार्य करने में सक्षम हो सकें।

 विशेषताएँ:

  • राज्य/संघ राज्य क्षेत्र स्तर पर संबंधित राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा पैनलबद्ध (Empanelled) प्रशिक्षण संस्थान।
  • सामुदायिक स्वयंसेवकों को आपदा प्रतिक्रिया (बाढ़ राहत और बचाव), समन्वय, जीवन रक्षक कौशल में प्रशिक्षित करना तथा व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण और आपातकालीन प्रतिक्रिया किट प्रदान करना।
  • ज़िला/ब्लॉक स्तर पर एक सामुदायिक आपातकालीन भंडार/रिज़र्व बनाना जिसमें आवश्यक सामान जैसे- टार्च, बचाव उपकरण, प्राथमिक चिकित्सा किट आदि शामिल हों।
  • योजना के बाद के चरणों में बाढ़ग्रस्त ज़िलों में परियोजना के तहत विकसित प्रशिक्षण और शिक्षा उपकरणों का प्रसार करना।

 भारत की अन्य आपदा संबंधी पहलें:

  • राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष
  • आपदा प्रबंधन अधिनियम,2005
  • आपदा-रोधी अवसरंचना के लिए गठबंधन (CDRI)

 राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण

  • राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भारत में आपदा प्रबंधन के लिये शीर्ष वैधानिक निकाय है। इसकी अध्यक्षता भारत के प्रधानमंत्री द्वारा की जाती है।
  • इसका औपचारिक रूप से गठन 27 सितंबर, 2006 को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत किया गया था।
  • इसका प्राथमिक उद्देश्य प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं के दौरान प्रतिक्रियाओं हेतु समन्वय कायम करना और आपदा-प्रत्यास्थ (आपदाओं में लचीली रणनीति) व संकटकालीन प्रतिक्रिया हेतु क्षमता निर्माण करना है।
  • यह एक समग्र, अग्रसक्रिय तकनीक संचालित और संवहनीय विकास रणनीति द्वारा एक सुरक्षित और आपदा प्रतिरोधी भारत बनाने की परिकल्पना करता है जिसमें सभी हितधारकों की मौजूदगी हो तथा जो आपदा रोकथाम, तैयारी और शमन की संस्कृति (Culture) का पालन करती हो।
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