एलियम नेगियनम

एलियम नेगियनम

 

  • हाल ही में उत्तराखंड में खोजे गए एक नए पौधे- ‘एलियम नेगियनम’ के ऐसे जीनस से संबंधित होने की पुष्टि की गई है, जिसमें ‘प्याज़’ और ‘लहसुन’ जैसे कई प्रमुख खाद्य पदार्थ शामिल हैं।
  • एक खाद्य पदार्थ जनसंख्या के आहार का प्रमुख हिस्सा होते हैं। इन्हें नियमित रूप से और दैनिक आधार पर प्रयोग किया जाता है तथा ये व्यक्ति की ऊर्जा एवं पोषण संबंधी आवश्यकताओं के एक बड़े हिस्से की आपूर्ति करते हैं।

 परिचय:

  • एलियम, ‘ऐमेरिलिडैसी’ (Amaryllidaceae) की सबसे बड़ी प्रजातियों में से एक है।
  • ‘ऐमेरिलिडैसी’ जड़ी-बूटियों संबंधी नरम तने वाले पौधों का एक परिवार है, जिसमें मुख्य रूप से बारहमासी और बल्बनुमा फूल वाले पौधे शामिल होते हैं।
  • ‘एलियम’ जीनस की दुनिया भर में लगभग 1,100 प्रजातियाँ शामिल हैं, जिनमें प्याज़, लहसुन, स्कैलियन और शैलट जैसे कई प्रमुख खाद्य पदार्थ शामिल हैं।
  • यह जीनस स्वाभाविक रूप से उत्तरी गोलार्द्ध और दक्षिण अफ्रीका के शुष्क मौसम में पाया जाता है, लेकिन नई पहचान की गई प्रजाति पश्चिमी हिमालय क्षेत्र तक ही सीमित है।
  • ‘एलियम नेगियनम’ का नाम भारत के प्रख्यात खोजकर्त्ता और एलियम संग्रहकर्त्ता स्वर्गीय डॉ. कुलदीप सिंह नेगी के नाम पर रखा गया है।
  • ये प्रजातियाँ विभिन्न औषधीय प्रयोजनों हेतु उपयोगी हैं।

 भारत में वितरण:

  • ‘भारतीय एलियम’ हिमालय के समशीतोष्ण व अल्पाइन क्षेत्रों के विभिन्न पारिस्थितिक- भौगोलिक क्षेत्रों में पाया जाता है।
  • भारतीय हिमालय क्षेत्र में एलियम विविधता के दो अलग-अलग केंद्र हैं, पश्चिमी हिमालय (कुल विविधता का 85% से अधिक) और अल्पाइन-उप समशीतोष्ण क्षेत्र को कवर करने वाला पूर्वी हिमालय (6%)।

 विकास संबंधी विशिष्ट परिस्थितियाँ

  • यह समुद्र तल से 3,000 से 4,800 मीटर की ऊँचाई पर खुले घास के मैदानों, नदियों के किनारे रेतीली मिट्टी और अल्पाइन घास के मैदानों के साथ बर्फीले चरागाहों में बहने वाली धाराओं के आसपास पाया जाता है।

 खतरा

  • खाद्य पदार्थों और औषधि के लिये पत्तियों एवं कंदों की कटाई इसकी आबादी हेतु बड़ा खतरा उत्पन्न कर सकती है।
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