कोविड-19 मुआवजा

कोविड-19 मुआवजा

 

  • हाल ही में गृह मंत्रालय नेकोविड-19 से मरने वाले लोगों के परिजनों हेतु  50,000 रुपए की अनुग्रह राशि देने के लिये आदेश जारी किये हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (National Disaster Management Authority- NDMA) द्वारा इस प्रकार की राशि की सिफारिश की गई।
  • यह राशिराज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) से वितरित की जाएगी।
  • पिछले वर्षमंत्रालय द्वारा कोविड-19 को आपदा के रूप में अधिसूचित किया गया था।

    प्रमुख बिंदु

    अनुग्रह राशि के बारे में:

    • मृत्यु के कारण को कोविड-19 के रूप में प्रमाणित होने पर मृतक के लिये अनुग्रह राशि लागू होती है। जिसमें राहत कार्यों में शामिल या राहत गतिविधियों में कार्यरत लोग शामिल होते हैं।
    • यह सहायता देश में कोविड-19 के पहले मामले की तारीख से लागू होगी और आपदा के रूप में कोविड-19 की अधिसूचना या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, तक जारी रहेगी।

    राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF):

    SDRF के बारे में:

    • SDRF का गठनआपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 48 (1) (a) के तहत किया गया है।
    • इसका गठन 13वेंवित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर किया गया था।
    • यह राज्य सरकारों के पास अधिसूचित आपदाओं की प्रतिक्रिया के लिये तत्काल राहत प्रदान करने हेतु व्यय को पूरा करने के लिये उपलब्ध प्राथमिक निधि है।
    • इसका ऑडिट हर साल भारत केनियंत्रक और महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor General of India- CAG) द्वारा किया जाता है।

    योगदान:

    • केंद्र सामान्य श्रेणी के राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों हेतु SDRF आवंटन का 75% और विशेष श्रेणी के राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों (पूर्वोत्तर राज्यों, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर) के लिये 90% का योगदान देता है।
    • वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार वार्षिक केंद्रीय अंशदान दो समान किश्तों में जारी किया जाता है।

    SDRF के अंतर्गत शामिल आपदाएं:

    • चक्रवात, सूखा, भूकंप, आग, बाढ़, सुनामी, ओलावृष्टि, भूस्खलन, हिमस्खलन, बादल फटना, कीटों का हमला, पाला औरशीत लहरें।

    स्थानीय आपदाएं:

    • राज्य सरकार प्राकृतिक आपदाओं के पीड़ितों को तत्काल राहत प्रदान करने हेतु SDRF के तहत उपलब्ध धन का 10% तक उपयोग कर सकती है, जिसे वे राज्य में स्थानीय संदर्भ में ‘आपदा’ मानते हैं और जो गृह मंत्रालय की आपदाओं की अधिसूचित सूची में शामिल नहीं हैं।
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