नया बाघ रिज़र्व: छत्तीसगढ़ New Tiger Reserve: Chhattisgarh

नया बाघ रिज़र्व: छत्तीसगढ़ New Tiger Reserve: Chhattisgarh

 

  • हाल ही मेंराष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य के संयुक्त क्षेत्रों को टाइगर रिज़र्व के रूप में नामित किया है।
  • NTCA पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय है, जिसकी स्थापना 2005 में बाघ संरक्षण को मज़बूटी प्रदान करने के लिये की गई थी।

प्रमुख बिंदु 

 बाघ रिज़र्व के बारे में:

  • यह मध्य प्रदेश और झारखंड की सीमा से लगे छत्तीसगढ़ के उत्तरी भाग में स्थित है।
  • इसे वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 38V(1) के तहत मंज़ूरी दी गई थी।
  • उदंती-सीतानदी, अचानकमार और इंद्रावती रिज़र्व के बाद छत्तीसगढ़ में यह चौथा टाइगर रिज़र्व होगा।

 महत्त्व:

  • गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान देश मेंएशियाई चीतों का अंतिम ज्ञात निवास स्थान था।
  • यह झारखंड और मध्य प्रदेश को जोड़ता है तथा बाघों की आवाजाही के लियेबांधवगढ़ (मध्य प्रदेश) एवं पलामू टाइगर रिज़र्व (झारखंड) के बीच एक गलियारा प्रदान करता है।

 गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान:

  • इसका नाम सतनामी सुधारवादी नायक, गुरु घासीदास के नाम पर रखा गया है। यह छत्तीसगढ़ के कोरिया ज़िले में स्थित है।
  • पार्क की लहरदार स्थलाकृति है और यह उष्णकटिबंधीय जलवायु क्षेत्र के अंतर्गत आता है।

 जैव विविधता:

वनस्पति: वनस्पति में मुख्य रूप से सागौन, साल और बाँस के पेड़ों के साथ मिश्रित पर्णपाती वन पाए जाते हैं।

जीव: बाघ, तेंदुआ, चीतल, नीलगाय, चिंकारा, सियार, सांभर, चार सींग वाला मृग आदि।

 तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य:

  • यह उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे छत्तीसगढ़ के सूरजपुर ज़िले में स्थित है। इसका नाम तमोर पहाड़ी और पिंगला नाला के नाम पर रखा गया है।
  • तमोर पहाड़ी और पिंगला नाला अभयारण्य क्षेत्र की पुरानी और प्रमुख विशेषताएँ मानी जाती हैं।

 जैव विविधता:

वनस्पति: अभयारण्य में मिश्रित पर्णपाती वनों का आधिक्य है। साल और बाँस के जंगल भी देखे जा सकते हैं।

जीव: बाघ, हाथी, तेंदुआ, भालू, सांभर हिरण, ब्लू ऑक्स, चीतल, बाइसन और अन्य कई जानवर यहाँ पाए जाते हैं।

No Comments

Post A Comment