नासा का लुसी मिशन

नासा का लुसी मिशन

 

  • नासा 16 अक्टूबर, 2021 को बृहस्पति के ट्रोजन क्षुद्रग्रहों/ एस्टेरोइड्स का अध्ययन करने वाले पहले अंतरिक्ष यान लुसी को लॉन्च करने के लिए तैयार है|
  • इस लूसी अंतरिक्ष यान को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से एटलस V रॉकेट पर लॉन्च किया जाना है|
  • नासा का जूनो अंतरिक्ष यान वर्ष, 2016 से बृहस्पति की परिक्रमा कर रहा है, लेकिन लूसी अंतरिक्ष यान नासा द्वारा ट्रोजन क्षुद्रग्रहों का अध्ययन करने वाला पहला अभियान/ मिशन होगा|
  • ये ट्रोजन क्षुद्रग्रह दो समूहों में सूर्य की परिक्रमा करते हैं, एक समूह बृहस्पति ग्रह के आगे रहता है और दूसरा समूह इस ग्रह के पीछे रहता है|

लूसी मिशन करेगा बृहस्पति के क्षुद्रग्रहों का अध्ययन

  • यह लूसी अंतरिक्ष यान, जो बृहस्पति के ट्रोजन क्षुद्रग्रहों का अध्ययन करने वाला नासा का पहला अंतरिक्ष यान है, 16 अक्टूबर, 2021 को लॉन्च किया जाएगा|
  • इस अंतरिक्ष यान को 12 साल के मिशन पर लॉन्च किया जाएगा ताकि वैज्ञानिकों को इन ट्रोजन क्षुद्रग्रहों को करीब से देखने में मदद मिल सके|
  • बृहस्पति के इन ट्रोजन क्षुद्रग्रहों के अध्ययन से वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद मिलेगी कि, लगभग 5 अरब साल पहले हमारे सौर मंडल और उसके सभी ग्रहों का निर्माण कैसे हुआ था और वे वर्तमान क्रम में किस प्रकार आये हैं|

लुसी मिशन का लक्ष्य

  • इस लुसी अंतरिक्ष यान को लगभग 4 बिलियन मील की यात्रा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है|
  • यह लुसी अंतरिक्ष यान और इसके रिमोट सेंसिंग उपकरण ट्रोजन क्षुद्रग्रहों के भूविज्ञान, भौतिक गुणों और सतह संरचना का अध्ययन करेंगे|
  • लुसी अंतरिक्ष यान का पहला क्षुद्रग्रह फ्लाईबाई वर्ष, 2025 में होगा|
  • अन्य सात ट्रोजन क्षुद्रग्रहों के निकट से उड़ान वर्ष, 2027 और वर्ष, 2033 के बीच होने की उम्मीद है|

पृष्ठभूमि

  • इस लुसी मिशन का नाम एक मानव पूर्वज के खोजे गए आंशिक कंकाल के नाम पर रखा गया है, जिसके बारे में माना जाता है कि, यह 3 मिलियन से अधिक वर्ष पहले जीवित था| इन जीवाश्म अवशेषों को लुसी नाम दिया गया था|
  • नासा ने यह कहा है कि, जिस तरह लुसी नाम के जीवाश्म अवशेषों ने मानव विकास में अंतर्दृष्टि प्रदान की, ठीक उसी तरह ट्रोजन क्षुद्रग्रहों के लिए लॉन्च किये जाने वाले इस लुसी मिशन से हमारे सौर मंडल के ग्रहों की उत्पत्ति और पृथ्वी सहित सौर मंडल के गठन को समझने में मदद मिलने की उम्मीद है|

ट्रोजन क्षुद्रग्रहों के बारे में

  • ट्रोजन क्षुद्रग्रहों का नाम ग्रीक पौराणिक कथाओं के पात्रों के नाम पर रखा गया है|
  • ये दो समूहों में सूर्य की परिक्रमा करते हैं, एक समूह बृहस्पति से आगे और दूसरा समूह उसके पीछे से|
  • इन क्षुद्रग्रहों का निर्माण उस मौलिक पदार्थ के अवशेषों के बाद हुआ था जिससे बृहस्पति और अन्य बाहरी ग्रहों का निर्माण हुआ था|
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