लैंडसैट 9

लैंडसैट 9

 

  • हाल ही में नासा ने कैलिफोर्निया में वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से एकअर्थ ऑब्ज़र्वेशन/मॉनिटरिंग सैटेलाइट (Earth Monitoring Satellite) लॉन्च किया है।
  • इसेलैंडसैट 9 (Landsat 9) नाम दिया गया है।  यह उपग्रह नासा और यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) का संयुक्त मिशन है।
  • इस उपग्रह को नासा की’आकाश में स्थित नई आँख’ (New Eye in the Sky) के रूप में जाना जाता है जो जलवायु परिवर्तन का अध्ययन करने में मदद करेगा।

पृष्ठभूमि:

  • लैंडसैट9 पृथ्वी का अवलोकन करने वाले अंतरिक्षयान की एक अगली शृंखलाहै, जो लगभग 50 वर्ष पुरानी है।
  • पहलालैंडसैटउपग्रह1972 में लॉन्चकिया गया था और तब से लैंडसैट उपग्रहों ने पृथ्वी की छवियों को एकत्र किया है तथा यह समझने में मदद की है कि दशकों में भूमि का उपयोग कैसे बदल गया है।
  • वर्ष2008 में यह निर्णय लिया गया था कि सभीलैंडसैट छवियाँ मुफ्त और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होंगी तथा इस नीति ने कई शोधकर्त्ताओं, किसानों, नीति विश्लेषकों, ग्लेशियोलॉजिस्ट और भूकंपविदों की मदद की है।
  • लैंडसैट छवियों का उपयोगवनों के स्वास्थ्य, प्रवाल भित्तियों, पानी की गुणवत्ता की निगरानी और ग्लेशियरों के पिघलने के अध्ययन के लिये किया गया है।

लैंडसैट 9 के बारे में: 

  • लैंडसैट 9 कोवर्ष 2013 में लॉन्च किये गए लैंडसैट 8 से जोड़ा गया है तथा दोनों उपग्रह मिलकर पृथ्वी की सतह की छवियाँ एकत्र करेंगे
  • इनको संपूर्ण पृथ्वी का छायांकन करने में 8 दिन लगते हैं।
  • लैंडसैट 9 अन्य लैंडसैट उपग्रहों के समान उपकरणों को वहन करता है, लेकिन यह अपनीपीढ़ी का तकनीकी रूप से सबसे उन्नत उपग्रह है।
  • लैंडसैट 9 के प्रमुख उपकरणऑपरेशनल लैंड इमेजर 2 (OLI-2) और थर्मल इन्फ्रारेड सेंसर 2 (TIRS-2) हैं। 
  • OLI-2: यह पृथ्वी की सतह से परावर्तित सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करता है और स्पेक्ट्रम के दृश्य, नज़दीकी-अवरक्त या इंफ्रारेड तथा लघु अवरक्त तरंगों के भागों का अध्ययन करता है।
  • TIRS-2: इसमें चार-तत्त्वों वाला अपवर्तक दूरबीन और प्रकाश संवेदनशील डिटेक्टर है जो थर्मल विकिरण को अवशोषित करते हैं तथा पृथ्वी की सतह के तापमान का अध्ययन करने में मदद करते हैं।
  • लैंडसैट उपग्रह, यूरोपियन यूनियनके सेंटिनल-2 उपग्रहों के साथ मिलकर जलवायु परिवर्तन की सीमा का बेहतर अनुमान प्रदर्शित करेगा।

सेंटिनल उपग्रह

  • यह कोपरनिकस कार्यक्रम के तहतयूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) द्वारा विकसित उपग्रहों की फैमिली है।
  • कोपरनिकस कार्यक्रम ESA द्वारा प्रबंधित पृथ्वी अवलोकन कार्यक्रम है, जिसे वर्ष 1998 में शुरू किया गया था।
  • इसका नाम वैज्ञानिक और पर्यवेक्षक निकोलस कोपरनिकस के नाम पर रखा गया था। कोपरनिकस के सूर्य केंद्रित (सूर्य-केंद्रित) ब्रह्मांड के सिद्धांत ने आधुनिक विज्ञान में अग्रणी योगदान दिया था।

सेंटिनल उपग्रह विभिन्न उद्देश्यों के लिये समर्पित छह उपग्रहों का एक समूह है।

सेंटिनल 1: यह सभी मौसम, दिन और रात के रडार इमेज़िंग करता है।

सेंटिनल 2: यह भूमि सेवाओं के लिये उच्च-रिज़ॉल्यूशन ऑप्टिकल छवियाँ प्रदान करता है।

सेंटिनल 3: यह भूमि और महासागर पर डेटा वितरित करता है।

सेंटिनल 4 और 5: भूस्थिर और ध्रुवीय कक्षाओं से वातावरण की निगरानी करता है।

सेंटिनल 6: समुद्र विज्ञान और जलवायु अध्ययन के बारे में जानकारी प्रदान करता है।

भारत के पृथ्वी अवलोकन उपग्रह

  • हाल ही मेंभारत ने EOS-01 उपग्रह लांच किया है।
  • यह एक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है और कृषि, वानिकी तथा आपदा प्रबंधन अनुप्रयोगों में सहायता प्रदान करता है।
  • पृथ्वी अवलोकन उपग्रह रिमोट सेंसिंगतकनीक से लैस उपग्रह हैं। पृथ्वी अवलोकन का आशय पृथ्वी की भौतिक, रासायनिक और जैविक प्रणालियों के बारे में जानकारी जुटाना है।
  • कई पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों कोसूर्य-तुल्यकालिक कक्षा में स्थापित किया गया है।
  • ISRO द्वारा लॉन्च किये गए अन्य पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों मेंरिसोर्ससैट- 2, 2A; कार्टोसैट-1, 2, 2A, 2B; रिसैट-1 और 2; ओशनसैट-2; मेघा-ट्रॉपिक्स; सरल और स्कैटसैट-1; इन्सैट-3DR, 3D शामिल हैं।
                                                                                                                                                                                                                                                                            स्रोत-PIB
No Comments

Post A Comment